Hajareswar Mahadev Temple Dungarpur – हजारेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर
डूंगरपुर के उदय विलास महल के सामने श्री हजारेश्वर महादेव मंदिर स्थित है, जो न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक स्थल है, बल्कि वास्तुकला और शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण भी है। इस परिसर में तीन मुख्य मंदिर हैं—श्री हजारेश्वर महादेव, श्री राम दरबार, और श्री संकटमोचन हनुमान जी। (Hajareswar Mahadev Temple Dungarpur)
मंदिर की स्थापत्य विशेषताएं
- मंदिर ऊंची जगती (चबूतरे) पर स्थित है।
- सभा मंडप अत्यंत भव्य है, जिसकी छत की आंतरिक नक्काशी और अलंकृत स्तंभ डूंगरपुर के प्रसिद्ध पारेवा पत्थर से निर्मित हैं।
- मंडप के केंद्र में विश्वेश्वर महादेव का शिवलिंग स्थित है।
- शिवलिंग दस इंच ऊंची वर्गाकार पीठिका पर विराजित है, जिसके मध्य में जलाधारी है और उस पर 121 नर्मदाबाण सुशोभित हैं—जो एकादश रूद्र का प्रतीक है।
रूद्रपंचायतन और अन्य देवताओं की उपस्थिति
- वर्गाकार पीठिका पर रूद्रपंचायतन देवताओं के यंत्र और बीजाक्षर उकेरे गए हैं।
- साथ ही तीन अन्य शिवलिंग और तीन नंदी प्रतिमाएं भी विराजमान हैं।
- अंतराल भाग की ताको में श्री गणेशजी एवं अन्य देव मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं।
- गर्भगृह की चौखट पर द्वारपाल, गंगा-यमुना, और ऊपर की ओर ललाट बिंब में श्री गणेशजी अंकित हैं।
- गर्भगृह के मध्य में शिवलिंग तथा पीछे की दीवार पर देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
श्री राम दरबार और संकटमोचन हनुमान मंदिर
- हजारेश्वर महादेव मंदिर के सामने श्री राम दरबार स्थित है जिसमें एक सुंदर तोरण द्वार और भीतर श्री राम, लक्ष्मण एवं माता सीता की मूर्तियाँ हैं।
- इसके सामने श्री संकटमोचन हनुमान जी का मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की ऐसी प्रतिमा है जो अपने आराध्य प्रभु श्रीराम को निहारती हुई प्रतीत होती है – जो भक्तों को गहन भक्ति की अनुभूति कराती है।
इतिहास का पन्ना – सन् 1775 ई.
डूंगरपुर के वरिष्ठ इतिहासकार स्व. महेश पुरोहित जी के अनुसार, इस मंदिर के समीप ही गोसाई लुणगिर जी ने सन् 1775 ई. में एक वाटिका (उद्यान) लगवाई थी, जो आज भी मंदिर की पवित्रता और शांति को बढ़ाती है।