Dungarpur Gutkha Consumption

Dungarpur Gutkha Consumption: डूंगरपुर में नशे की लत: सांसद का दावा – रोज खाया जा रहा 1 करोड़ का गुटखा

डूंगरपुर जिले में नशे की लत युवाओं और ग्रामीणों को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही है। इस गंभीर विषय पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। (Dungarpur Gutkha Consumption)

उन्होंने जिले की 353 ग्राम पंचायतों में अनुमानित 25-30 दुकानों से गुटखे की औसतन बिक्री का आंकड़ा निकालते हुए दावा किया कि डूंगरपुर जिले में रोज लगभग 1 करोड़ रुपए का गुटखा खाया जा रहा है।

सालाना खर्च: 3 अरब 60 करोड़!

अगर इस दैनिक खपत को महीने और साल के लिहाज से देखें तो आंकड़े वाकई भयावह हैं:

  • 📅 महीने में: ₹30 करोड़
  • 📆 साल में: ₹3.6 अरब यानी ₹360 करोड़

सिर्फ गुटखे की नहीं, अगर इसमें शराब, बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशे की सामग्रियों को भी जोड़ दें, तो यह आंकड़ा और अधिक खतरनाक हो सकता है।

मनरेगा बजट से तुलना

डूंगरपुर जिले में मनरेगा का वार्षिक बजट ₹600 करोड़ है। जबकि अकेले गुटखे पर ही ₹360 करोड़ खर्च हो रहे हैं – यानी जिले के रोजगार बजट के 60% के बराबर!

सांसद की अपील: युवाओं को नशे से बाहर निकालने के लिए साझा प्रयास जरूरी

राजकुमार रोत ने पोस्ट के माध्यम से कहा है कि,

युवाओं को इस लत से बाहर निकालने के लिए समाज, प्रशासन, स्कूल-कॉलेज और परिवारों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।

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FAQs

Q1. डूंगरपुर में गुटखे की खपत कितनी है?
👉 सांसद के अनुसार, प्रतिदिन लगभग ₹1 करोड़ का गुटखा खाया जा रहा है।

Q2. इस खपत का सालाना खर्च कितना होता है?
👉 ₹360 करोड़ तक, जो कि मनरेगा बजट का लगभग 60% है।

Q3. सांसद ने क्या कहा?
👉 युवाओं को नशे से बाहर निकालने के लिए साझा प्रयास करने की अपील की है।

Q4. क्या सरकार इस पर कोई कार्रवाई कर रही है?
👉 फिलहाल कोई सरकारी योजना सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर गया है।