Eco Village Tourism in Rajasthan: गांवों की हरियाली और देसी जीवनशैली का बढ़ता आकर्षण
राजस्थान का ग्रामीण पर्यटन अब केवल परंपरा नहीं, एक नया ट्रेंड बन चुका है। प्रदेश के 15 से अधिक जिलों में ईको विलेज टूरिज्म (Eco Village Tourism in Rajasthan) तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। गांवों की हरियाली, ताजी सब्जियां, पारंपरिक खेल, और पशुपालन का जीवंत अनुभव देसी और विदेशी दोनों पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। (Eco Village Tourism in Rajasthan)
Eco Village Tourism क्या है?
ईको विलेज टूरिज्म यानी ऐसा पर्यटन जिसमें पर्यटक गांवों में आकर वहां की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक जीवनशैली को करीब से देखते और जीते हैं। ये गांव अब पर्यटन इकाइयों में बदल रहे हैं जहाँ देसी जीवनशैली के साथ आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।
किन जिलों में उभर रहा है ये ट्रेंड?
राजस्थान के निम्न जिलों में ग्रामीण पर्यटन इकाइयों की स्थापना हो चुकी है:
- जयपुर और बीकानेर: 17-17 इकाइयाँ
- अजमेर: 15 इकाइयाँ
- उदयपुर, सवाई माधोपुर: 12-12 इकाइयाँ
- जोधपुर: 11 इकाइयाँ
- कोटा: 8 इकाइयाँ
- जैसलमेर: 3 इकाइयाँ
- अलवर, भरतपुर, झुंझुनूं, सीकर: 2-2 इकाइयाँ
- झालावाड़ और माउंट आबू: 1-1 इकाई
ये सभी इकाइयाँ Rajasthan Rural Tourism Scheme के तहत विकसित की गई हैं।
पर्यटकों को क्या-क्या मिल रहा है?
- खेतों में ताजी सब्जियाँ तोड़ना और खुद पकाना
- खुले खेतों में देसी खेलों का अनुभव
- सुबह-शाम पशुओं के झुंड, पक्षियों की चहचहाहट
- खाट से लेकर लक्ज़री कॉटेज तक की व्यवस्था
- शहरी होटलों की तुलना में किफायती और शांत वातावरण
सरकारी पहल और निवेशकों का रुझान
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रामीण पर्यटन नीति के तहत कागजी प्रक्रिया को सरल किया गया है। इसी कारण पिछले दो वर्षों में 120 में से 105 प्रस्तावों को स्वीकृति मिल चुकी है।