डूंगरपुर बिछीवाड़ा क्षेत्र में पहली बारिश के बाद छलकते एनिकट और तालाब - Monsoon Rain in Bichhiwara Dungarpur

Monsoon Rain in Bichhiwara Dungarpur: पहली बारिश से छलके एनिकट और तालाब

डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में मानसून की पहली ही बारिश ने क्षेत्र के कई तालाबों और एनिकटों को लबालब कर दिया है। मोदर पंचायत के मांडवीया और पाटवाला एनिकट पूरी तरह छलक गए हैं और इन पर 5 से 6 इंच की पानी की चादर बह रही है (Monsoon Rain in Bichhiwara Dungarpur)।

डिसिल्टिंग से मिली राहत

स्थानीय निवासी महेश निनामा ने बताया कि पाटवाला एनिकट की डिसिल्टिंग से कई टन मलबा हटाया गया, जिससे इसकी भराव क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई। मेसवो नदी पर बने ये दोनों एनिकट अब क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों के लिए जल संग्रहण का महत्वपूर्ण स्रोत बन गए हैं।

जनभागीदारी से तालाब गहरा

चुंडावाड़ा डिप्टी तालाब को गहरा करने का कार्य जनसहयोग से जारी है। सरपंच कांता मीणा ने बताया कि डिसिल्टिंग से सैकड़ों ट्रैक्टर मिट्टी निकाली गई और अब पानी की आवक बढ़ने लगी है। इससे आसपास के क्षेत्रों में जलस्तर भी बढ़ेगा। राजस्थान जल संसाधन विभाग

10 नए जल स्रोतों पर काम शुरू

बीडीओ महेशचंद्र अहारी ने जानकारी दी कि पहले चरण में बिछीवाड़ा क्षेत्र के 10 जल स्रोतों को गहरा किया गया। अब 10 नए जल स्रोतों की डिसिल्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हर पंचायत में प्रमुख जल स्रोतों की सफाई का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।

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FAQs

Q1: बिछीवाड़ा क्षेत्र में बारिश से कौन-कौन से एनिकट भरे हैं?
A: मांडवीया और पाटवाला एनिकट पूरी तरह से छलक गए हैं।

Q2: डिसिल्टिंग से क्या लाभ हुआ?
A: तालाबों और एनिकटों की भराव क्षमता बढ़ी, जिससे बारिश का पानी ज्यादा मात्रा में संग्रहित हो पाया।

Q3: तालाबों को गहरा करने का कार्य कैसे हो रहा है?
A: यह कार्य जनभागीदारी से किया जा रहा है, जिसमें पंचायत और स्थानीय लोग शामिल हैं।

Q1: Which check dams overflowed after the first rain in Bichhiwara?
A: Mandviya and Patwala check dams have overflowed.

Q2: What is the benefit of desilting ponds and dams?
A: Desilting increases the storage capacity, allowing more rainwater to be collected.

Q3: How is pond deepening work being conducted?
A: It is being done through public participation and support from local panchayats.