Rajmata Devendra Kunwar Sangrahalay Dungarpur – डूंगरपुर की विरासत और वागड़ की संस्कृति का खजाना
राजस्थान के वागड़ अंचल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के उद्देश्य से स्थापित राजमाता देवेंद्र कुंवर राजकीय संग्रहालय, डूंगरपुर शहर के राजकीय चिकित्सालय के पास स्थित है। इसकी स्थापना सबसे पहले वर्ष 1960 में की गई थी, जहां कुछ महत्वपूर्ण पुरावशेष पंचायत समिति के अहाते में संगृहीत किए गए थे। (Rajmata Devendra Kunwar Sangrahalay Dungarpur )

वर्ष 1973 में इन वस्तुओं को औपचारिक रूप से संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया और अंततः 1988 में वर्तमान नए भवन में स्थानांतरित किया गया।
वागड़ की संस्कृति और विरासत की झलक
इस संग्रहालय में वागड़ अंचल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक झलक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। प्रमुख प्रदर्शन में शामिल हैं:

- ✅ गुप्तकालीन मूर्तियां – आमझरा गाँव से प्राप्त
- ✅ श्री जगत धात्री माता ट्रस्ट, दिल्ली से प्राप्त प्राचीन मूर्तियां
- ✅ डूंगरपुर व आसपास के स्थलों से प्राप्त शिलालेख एवं सिक्के
- ✅ वागड़ अंचल के पारंपरिक वाद्य यंत्र, तीर-कमान
- ✅ महारावल वंश की वंशावली
- ✅ वागड़ क्षेत्र का ऐतिहासिक नक्शा और लोकचित्र
योगदानकर्ता: विरासत को संजोने वाले
- महारावल लक्ष्मण सिंह जी और डॉ. नागेंद्र सिंह जी द्वारा संग्रहालय को अनेक पुरावशेष और मूर्तियां उपलब्ध करवाई गईं।
- डॉ. आर.सी. अग्रवाल, जो एक प्रसिद्ध पुरातत्वविद और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक रहे, की इस संग्रहालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू जी ने संग्रहालय के ऐतिहासिक महत्व को दस्तावेज किया।
संग्रहालय क्यों जाएं?
यदि आप वागड़ की संस्कृति, इतिहास और कला में रुचि रखते हैं, तो यह संग्रहालय आपके लिए एक अद्भुत अनुभव होगा। यहां आपको प्राचीन मूर्तियों से लेकर वंशावली दस्तावेज़, पारंपरिक वाद्ययंत्रों और लोकचित्रों तक सब कुछ मिलेगा – जो डूंगरपुर की ऐतिहासिक आत्मा को जीवंत बनाता है।
कैसे पहुंचे?
स्थान: राजकीय चिकित्सालय के समीप, डूंगरपुर शहर, राजस्थान
समय: सामान्यतः सरकारी कार्यालय समय में खुला रहता है
प्रवेश: अधिकांशतः निःशुल्क या बहुत ही न्यूनतम शुल्क पर

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. डूंगरपुर संग्रहालय में क्या-क्या देखने को मिलता है?
उत्तर: प्राचीन मूर्तियां, शिलालेख, सिक्के, वाद्य यंत्र, तीर-कमान, वंशावली और लोक चित्र।
Q2. संग्रहालय किसके नाम पर है?
उत्तर: यह संग्रहालय राजमाता देवेंद्र कुंवर के नाम पर समर्पित है।
Q3. क्या यह संग्रहालय आमजन के लिए खुला है?
उत्तर: हां, यह संग्रहालय आमजन के लिए खुला है और शिक्षा, शोध व पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
अगर आप डूंगरपुर की संस्कृति और इतिहास को महसूस करना चाहते हैं, तो राजमाता देवेंद्र कुंवर राजकीय संग्रहालय आपके लिए एक अनमोल अनुभव साबित हो सकता है।
इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ ज़रूर साझा करें, और जब भी डूंगरपुर आएं, यहां अवश्य जाएं!
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