Rakesh Bishnoi: माउंट ल्होत्से से लौटते समय पर्वतारोही राकेश बिश्नोई की दुखद मौत
भारतीय पर्वतारोहण जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। बीकानेर निवासी और सागवाड़ा (डूंगरपुर) में व्यवसाय करने वाले पर्वतारोही राकेश बिश्नोई का माउंट ल्होत्से से लौटते वक्त कैम्प-4 के पास ‘येलो बैड’ में निधन हो गया। (Rakesh Bishnoi)
उनका मिशन:
राकेश बिश्नोई का सपना था –
“सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहराना।”
उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई छोड़कर माउंट ल्होत्से (ऊंचाई 8516 मीटर) पर चढ़ाई की। वे सफलतापूर्वक शिखर तक पहुंचे, लेकिन वापसी के दौरान उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और वे ‘येलो बैड’ के पास दम तोड़ बैठे।
राकेश बिश्नोई का परिचय:
- मूल निवासी: बीकानेर
- व्यवसाय: सागवाड़ा, डूंगरपुर में
- लक्ष्य: सेवन समिट्स (Seven Summits) पूरा करना
- पूर्व उपलब्धियां: हिमालयी चोटियों की सफल चढ़ाई
स्थानीय श्रद्धांजलि:
डूंगरपुर और सागवाड़ा में पर्वतारोही राकेश की मृत्यु की खबर से शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग “राकेश बिश्नोई अमर रहें” जैसे संदेश पोस्ट कर रहे हैं। पर्वतारोहण प्रेमियों के लिए उनका यह बलिदान प्रेरणा और चेतावनी दोनों है।
DungarpurCity की श्रद्धांजलि:
“राकेश बिश्नोई जैसे साहसी पर्वतारोही अमर रहते हैं। उनका सपना अधूरा जरूर रह गया, पर उनका साहस और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।”