भुवनेश्वर महादेव मंदिर, डूंगरपुर (Bhuvneshwar Mahadev Mandir, Dungarpur)
डूंगरपुर जिले में स्थित भुवनेश्वर महादेव मंदिर (Bhuvneshwar Mandir, Dungarpur), हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र धाम है।
यह मंदिर अपनी ऐतिहासिकता, धार्मिक महत्ता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
बिछीवाड़ा मार्ग पर करोली ग्राम पंचायत में स्थित यह मंदिर हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र है।
यहाँ स्थित शिवलिंग और नंदी की प्रतिमाएँ स्वयंभू मानी जाती हैं, जो इसे और भी दिव्य स्थान बनाती हैं।

स्वयंभू शिवलिंग और नंदी की महिमा
भुवनेश्वर महादेव मंदिर (Bhuvneshwar Mandir Dungarpur) में स्थित शिवलिंग और नंदी की प्रतिमाएँ स्वयंभू हैं, यानी ये प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई हैं।
स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं का मानना है कि इनका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव के साथ पंचमुखी भगवान विष्णु, लक्ष्मी माता और गणपति जी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।
यह मंदिर केवल शिवभक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य देवी-देवताओं के उपासकों के लिए भी आस्था का केंद्र है।

मंगलेश्वर महादेव मंदिर और अन्य दिव्य स्थल
भुवनेश्वर महादेव मंदिर के समीप ही मंगलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है, जहाँ भी स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है।
इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ भैरवजी और हनुमानजी की स्वयंभू मूर्तियाँ भी विद्यमान हैं।
यह स्थल आध्यात्मिकता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
मंदिर का जीर्णोद्धार और धार्मिक परंपराएँ
भुवनेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया गया है।
यहाँ प्राचीन काल से आंजणा पटेल समाज द्वारा अखंड ज्योत जलाई जाती है, जो वर्षों से बिना किसी व्यवधान के जल रही है।
यह अखंड ज्योत इस मंदिर की पवित्रता और भक्तों की अटूट श्रद्धा को दर्शाती है।
भुवनेश्वर मेले की भव्यता
रोज़ाना इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन विशेष अवसरों पर यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है।
रंग पंचमी: मंदिर में सबसे बड़ा मेला रंग पंचमी के अवसर पर आयोजित होता है।
महाशिवरात्रि, सोमवार, एकादशी और पूर्णिमा: इन खास दिनों पर भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

मंगलेश्वर पहाड़ी पर गैर नृत्य: रंग पंचमी पर यहाँ गैर नृत्य का आयोजन किया जाता है।
यह नृत्य आदिवासी भील समुदाय के पुरुषों द्वारा किया जाता है, जिसमें वे पारंपरिक परिधान पहनकर शानदार प्रदर्शन करते हैं।
यह दृश्य भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है।
मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटकों के लिए आकर्षण
डूंगरपुर से मात्र 9 किमी की दूरी पर स्थित इस मंदिर के चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा हुआ है।
यह स्थान आध्यात्मिकता के साथ-साथ पर्यटन के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।
यहाँ स्थित प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग विशेष आकर्षण का केंद्र है।
मंदिर परिसर में एक प्राचीन मठ भी स्थित है, जो इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले लोगों को आकर्षित करता है।
मंदिर के आसपास के पहाड़ी क्षेत्र में 5 अन्य स्वयंभू शिवलिंग स्थित हैं, जो भुवनेश्वर महादेव के समान दिखते हैं लेकिन आकार में छोटे हैं।

भुवनेश्वर महादेव: एक अद्वितीय आध्यात्मिक स्थल
यह मंदिर अपनी ऐतिहासिकता, पौराणिक कथाओं और धार्मिक गतिविधियों के कारण भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यह न केवल शिवभक्तों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक आस्था और शांति का केंद्र है, जो ईश्वर में विश्वास रखते हैं।
अगर आप कभी डूंगरपुर आएँ, तो भुवनेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा अवश्य करें और इस पवित्र स्थल की दिव्यता का अनुभव करें।