राजस्थान का डूंगरपुर जिला अपनी अद्वितीय ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। अब, इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देश-विदेश के पर्यटकों तक पहुँचाने के लिए एक शॉर्ट फिल्म का निर्माण किया जा रहा है। मुंबई से आए कलाकारों की एक टीम ने इस पहल की शुरुआत की है। इस फिल्म के माध्यम से डूंगरपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों की खूबसूरती और उनके ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा।
शॉर्ट फिल्म का उद्देश्य
शॉर्ट फिल्म का मुख्य उद्देश्य डूंगरपुर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, और धार्मिक धरोहरों को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाना है। यह फिल्म पर्यटकों को जिले के अनदेखे और कम ज्ञात स्थानों की ओर आकर्षित करेगी। इस फिल्म के माध्यम से पर्यटकों को डूंगरपुर की यात्रा के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।
शूटिंग की लोकेशन्स
फिल्म की शूटिंग के लिए डूंगरपुर के कुछ प्रमुख स्थलों का चयन किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- उदय विलास पैलेस:
- यह महल डूंगरपुर का एक प्रमुख आकर्षण है। अपनी राजसी वास्तुकला और सुंदर बगीचों के लिए प्रसिद्ध उदय विलास पैलेस में शूटिंग की शुरुआत हुई।
- गेपसागर की पाल:
- यह झील शहर के बीचों-बीच स्थित है और यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांति का केंद्र है। यहाँ के अद्भुत दृश्य फिल्म में शामिल किए जाएंगे।
- बेणेश्वर धाम:
- यह स्थल धार्मिक महत्व का केंद्र है और इसे ‘वागड़ का प्रयाग’ भी कहा जाता है। बेणेश्वर धाम का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इस फिल्म का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
- देवसोमनाथ महादेव मंदिर:
- देवसोमनाथ महादेव मंदिर अपनी प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस मंदिर की सुंदरता और यहाँ की पूजा-अर्चना को फिल्म में दर्शाया जाएगा।
फिल्म के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा
डूंगरपुर के कलेक्टर ने बताया कि इस शॉर्ट फिल्म के माध्यम से जिले के सभी स्थानों की खूबसूरती और उसके महत्व को दिखाते हुए पर्यटकों को डूंगरपुर तक खींचने के प्रयास किया जा रहे हैं। यह फिल्म राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित की जाएगी, जिससे डूंगरपुर का नाम विश्व के पर्यटन मानचित्र पर आएगा।
फिल्म निर्माण की प्रक्रिया
मुंबई से आए कलाकारों की टीम में निर्देशक, कैमरामैन, और अन्य तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। इस टीम ने स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग के सहयोग से शूटिंग की योजना बनाई है। शूटिंग की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्थानीय लोगों की भी सहायता ली जा रही है।
डूंगरपुर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
डूंगरपुर जिले की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरें इसके समृद्ध इतिहास और संस्कृति को दर्शाती हैं। यहाँ के महल, मंदिर और झीलें राजपूत वास्तुकला और कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। डूंगरपुर की धार्मिक स्थलों में श्रद्धालु जन की आस्था का केंद्र है और हर साल हजारों की संख्या में भक्त यहाँ आते हैं।
फिल्म के संभावित प्रभाव
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: फिल्म के माध्यम से बढ़ते पर्यटक संख्या से स्थानीय व्यवसाय जैसे होटल, रेस्टोरेंट और परिवहन सेवाओं को आर्थिक लाभ होगा।
- संस्कृति का संरक्षण: यह फिल्म डूंगरपुर की संस्कृति और धरोहर के संरक्षण में भी योगदान देगी।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान: डूंगरपुर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में यह फिल्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डूंगरपुर की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर पर बन रही शॉर्ट फिल्म न केवल जिले के पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि इसे एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगी। यह पहल स्थानीय समुदाय के लिए गर्व का कारण बनेगी और डूंगरपुर की धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाएगी।
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